न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान और पूर्व रक्षा और खुफिया अधिकारियों का कहना है कि इन धमाकों के पीछे इजरायल है। इस ऑपरेशन को काफी लंबे समय से चलाया जा रहा था। दरअसल हिजबुल्लाह के लोग फोन के ट्रैक होने के खतरे को देखते हुए पेजर्स का इस्तेमाल कर रहे थे। हिजबुल्लाह काफी समय से पेजर के इस्तेमाल पर जोर दे रहा था और इसी में इजरायली खुफिया अधिकारियों ने मौका देख लिया। दुनिया में हथियार बनवाए सरकारों ने. अपनी सेना के इस्तेमाल के लिए. लेकिन, उनका बढ़-चढ़कर उपयोग किया आतंकियों ने. सिर्फ न्यूक्लियर बम छोड़ दिया जाए, तो बाकी सब तरह के हथियार आतंकियों की पहुंच में आ गए. अब दुनिया जिस तरह आगे बढ़ रही है, उसने वायरफेयर के डाइमेंशन बदल गए हैं. ड्रोन से हमला करना अब कल की बात हो गई. इजरायल ने लेबनाम-सीरिया में जिस तरह के पेजर ब्लास्ट करवाए हैं, उसके बाद कहा जाने लगा है कि व्यापक संहार का नया दरवाजा खुल गया है. इजरायल ने अपनी सुरक्षा के लिए ही सही, दुनिया में व्यापक हमले की एक नई इबारत लिख दी है. पेजर के बाद मोबाइल, सोलर पैनल में भी ब्लास्ट हो रहे हैं. ऐसी घरेलू डिवाइसों के बम में बदले जाने के सफल प्रयोग ने पूरी दुनिया के सामने सवाल खड़ा कर दिया है- कहीं उनके घर में रखे डिवाइस को बम में तो नहीं बदला जा सकता ?